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अपनी बात
अपनी बात
इस नफरत की काट जरूरी
हृदय से घृणा का भाव निकल जाना चाहिए। सब भगवत्स्वरूप हैं ऐसा अगर साक्षात्कार हुआ, तो हृदय में घृणा का भाव नहीं रहता। ..
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