महोत्सव में भाग लेने आए कश्मीरी शिल्पकार
बारामूला के रहने वाले शबीर अहमद व तारिक का कहना है कि वे कश्मीरी कहवा बेचने का काम करते हैं और ज्यादातर समय कश्मीर से बाहर ही रहते हैं। मगर जब वे पहले कश्मीर जाते थे
‘‘अनुच्छेद-370 हटने के बाद कश्मीर के कुछ नेता और अलगावादी ताकतें भले विरोध कर रही हों लेकिन कश्मीर की आम जनता इसके हटने से खुश है।’’ ये शब्द थे कुरुक्षेत्र में संपन्न हुए अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में भाग लेने आए कश्मीरी शिल्पकार तारिक व शबीर अहमद के। इन शिल्पकारों ने अनुच्छेद 370 व 35 ए को लेकर सरकार के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि अनुच्छेद-370 के समाप्त होने से न केवल कश्मीर के हालात बदल रहे हैं, बल्कि पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भी भारत का हिस्सा बनने को बेकरार हैं।
बारामूला के रहने वाले शबीर अहमद व तारिक का कहना है कि वे कश्मीरी कहवा बेचने का काम करते हैं और ज्यादातर समय कश्मीर से बाहर ही रहते हैं। मगर जब वे पहले कश्मीर जाते थे तो आतंकी घटनाओं के साथ माहौल में अराजकता रहती थी। लेकिन जब से अनुच्छेद-370 समाप्त हुआ है, तब से न तो पत्थरबाज दिखाई दे रहे हैं और न ही पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले सामने आए हैं। हां, कश्मीर के कुछ नेता अपनी रोटियां सेंकने के लिए अनुच्छेद-370 हटाने का विरोध कर रहे हैं। जबकि हम लोग इसके हटने से बहुत खुश हैं। इससे हमारा विकास रुका पड़ा था जो अब होगा। इन कश्मीरी शिल्पकारों का कहना था कि पाक अधिक्रांत कश्मीर में उनके परिचित भी भारत सरकार के निर्णय का समर्थन कर रहे हैं और खुद भारत का हिस्सा बनना चाहत हैं। प्रतिनिधि