गोरखपुर में सीरियल बम धमाके करने वाले आतंकी तारिक कासमी को गोरखपुर जनपद न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है
22 मई 2007 की शाम, गोरखपुर का गोलघर लगातार तीन सीरियल बम ब्लॉस्ट के बाद दहल उठा था. पहला विस्फोट जलकल बिल्डिंग स्थित ट्रांसफार्मर के पास खड़ी साइकिल पर रखे हुए टिफिन में हुआ था. इसके ठीक पांच मिनट बाद बलदेव प्लाजा के पास स्थित पेट्रोल पंप पर बम विस्फोट हुआ. लगभग पांच मिनट बाद ही तीसरा बम विस्फोट गणेश होटल के पास हुआ था. घायल लोगों की चीख पुकार और धुएं भरे माहौल में लोगों को कुछ देर बाद समझ में आया कि आतंकी हमला किया गया है. इस आतंकी हमले के अभियुक्त तारिक कासमी को गोरखपुर जनपद न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अतिरिक्त न्यायालय ने तारिक कासमी पर 2 लाख 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
पुलिस के अनुसार, सीरियल ब्लास्ट करने के बाद आतंकी बेहद खुश थे. गोरखपुर को दहलाने के बाद आतंकी बस पर बैठ कर आजमगढ़ पहुंचे थे. विस्फोट करने से पहले इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) आतंकी सैफ ने गोरखपुर में तीन बार जाकर रेकी की थी. तारिक कासमी ही इस गैंग का मुखिया था. तारिक कासमी आजमगढ़ जनपद के रानी की सराय क्षेत्र का रहने वाला है.
घटना स्थल से पुलिस को साइकिल खरीद की एक पर्ची मिली थी. इसी पर्ची के सहारे पुलिस ने विवेचना को आगे बढ़ाया. पुलिस ने साइकिल विक्रेता से संपर्क किया. साइकिल विक्रेता से बातचीत करके पुलिस साइकिल खरीदने वाले तक पहुंची. इसके बाद इस आतंकी घटना का मास्टर माइंड तारिक कासमी का नाम सामने आया. विवेचना में पता लगा कि बम विस्फोट के लिए टिफिन का प्रयोग किया गया था. टिफिन बम बनाया गया था. इस आतंकी घटना के बाद ही पहली बार यह खुलासा हुआ कि हूजी और आईएम आतंकियों की आपस में साठगांठ है. पुलिस ने विवेचना में साक्ष्य जुटाए और कई अहम गवाहों के बयान दर्ज किये मगर मुकदमे की सुनवाई के दौरान अधिकतर गवाह भय वश मुकर गए. फिर भी अभियोजन पक्ष आतंकी के खिलाफ साक्ष्य पेश करने में सफल रहा और आतंकी को सजा हुई.