24 मार्च से 26 अप्रैल तक सिंहबाहिनी ने नदिया, हावड़ा, बर्दवान पूर्व, 24 परगना (दक्षिण), बांकुड़ा, कोलकाता, दार्जिलिंग, पूर्व मेदिनीपुर, मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में 72,000 से अधिक ग्रामीण और शहर के लोगों के भोजन और राशन की व्यवस्था की है। इसके अलावा संगठन के कार्यकर्ता बेघरों को पका हुआ भोजन भी उपलब्ध करा रहे हैं
पश्चिम बंगाल में कमजोर और उपेक्षित हिंदू समुदाय पर कोरोना के दौरान हुए लॉकडाउन का बड़ा ही विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। विशेष रूप से उन लोगों पर जो सिर्फ अपने काम से काम रखते हैं और छोटे—छोटे रोजगार और दैनिक मजदूरी करके अपना एवं परिवार का पालन—पोषण करते रहे हैं। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार दावा कर रही है कि वह राज्य के लोगों को किसी भी तरह का कोई संकट नहीं होने दे रही है जबकि हकीकत में देखें तो यह दावे बड़े खोखले और झूठे हैं।
हालत यह है कि राज्य के लोगों को केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जाने वाला सस्ता और मुफ्त राशन तक नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते एक बड़ी आबादी भूखे सोने को मजबूर हो रही है। हालांकि इस आपदा में राज्य के सामाजिक और हिन्दुत्व निष्ठ संगठन समाज तक राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। राज्य में कार्य करने वाला सिंहबाहिनी ऐसा ही एक संगठन है जो जरूरतमंद हिन्दुओं को राहत पहुंचाने के लिए बराबर लगा हुआ है। संगठन ने हिन्दू परिवारों तक मदद पहुंचाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है।
15 वर्षों से सामाजिक कार्यों में लगे एवं संगठन के अध्यक्ष देवदत्त माजी बताते हैं, “शुरू में हमने केवल कुछ गरीब परिवारों की मदद करने के बारे में सोचा था। लेकिन इसी दौरान हमें ग्रामीण बंगाल में रह रहे गरीबों की पीड़ा के बारे में जानकारी मिलने लगी। तब मैंने इस अभियान को बढ़ाना शुरू किया। हमारे इस अभियान में अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों के साथ-साथ भारत के भीतर के बहुत से लोग मदद के लिए सामने आए। इस सबके चलते जरूरतमंदों की मदद कर पाने में सफल हो पा रहा हूं।"
संगठन के अध्यक्ष माजी राज्य एवं देश के लोगों से अपील करते हुए कहते हैं कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान राज्य के कई इलाकों में हिन्दू समाज अस्तित्व बचाने का संघर्ष कर रहा है। ऐसे में देश के लोगों को चाहिए कि वह कमजोर हिंदुओं की मदद के लिए आगे आकर उनकी मदद करें। क्योंकि इन इलाकों में रहने वाले हिन्दू समुदाय को विश्वास है कि देश का हिन्दू समाज इस कठिन आपदा में उनका साथ देगा और उनका ख्याल रखेगा। इसलिए इस मुश्किल घड़ी में हम सभी को उनका विश्वास बनाए रखना है। क्याोंकि यह समुदाय अति संक्रमित क्षेत्र में रहते हुए भी देश और समुदाय के साथ डटकर खड़ा रहता है।
उल्लेखनीय है कि 24 मार्च से 26 अप्रैल तक सिंहबाहिनी ने नदिया, हावड़ा, बर्दवान पूर्व, 24 परगना (दक्षिण), बांकुड़ा, कोलकाता, दार्जिलिंग, पूर्व मेदिनीपुर, मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में 72,000 से अधिक ग्रामीण और शहर के लोगों के भोजन और राशन की व्यवस्था की है। इसके अलावा संगठन के कार्यकर्ता बेघरों को पका हुआ भोजन भी उपलब्ध करा रहे हैं। सहायता के क्रम में राज्य के सुदूर इलाकों और वनवासियों को प्राथमिकता के आधार पर सहायता प्रदान की जा रही है।