शायद किसी ने कभी सोचा तक नहीं होगा कि कोई मुसलमान अपनी दुकान का नाम ‘न्यू अग्रवाल पनीर भंडार’ रखे या कोई मुसलमान आर्य समाज के नाम से विवाह केंद्र चलाए! लेकिन ऐसा हो रहा है और इन दुष्कृत्यों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। धोखाधड़ी के इस धंधे को समझना जरूरी है
दिल्ली के खिड़की गांव स्थित वह मकान जिस पर ‘आर्य समाज मैरिज मंडल’ का बोर्ड लगा है (फाइल चित्र) इन दिनों हिंदू समाज को कदम-कदम पर धोखा दिया जा रहा है। कहीं कोई मुसलमान दुकानदार अपनी दुकान का नाम हिंदू नाम जैसा रखकर लोगों को धोखा दे रहा है, तो कहीं कोई मुसलमान हिंदू नाम रखकर किसी हिंदू लड़की को अपने ‘प्रेमजाल’ में फंसा रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि कुछ मुसलमान ‘आर्य समाज विवाह स्थल’ के नाम से संस्था पंजीकृत कराकर निकाह करा रहे हैं। कुछ मुसलमान तो भगवा वस्त्र पहनकर साधु वेश में भिक्षा भी मांग रहे हैं। इसी तरह कुछ मुस्लिम युवा फेसबुक पर हिंदू नाम से सक्रिय हैं और अपने को कभी ब्राह्मण, तो कभी वाल्मीकि बताकर एक-दूसरे के विरुद्ध टिप्पणी करते हैं, ताकि हिंदू जाति के नाम पर एक-दूसरे को गाली देते रहें और आपस में बंटे रहें। गहराई से देखने पर चलता है कि यह सब एक षड्यंत्र के अंतर्गत हो रहा है। इस षड्यंत्र में जिहादी तत्वों के साथ मजहबी कट्टरवादी, वकील, छात्र, मजदूर, व्यापारी आदि लोग शामिल हैं। कामकाज की दृष्टि से ये लोग भले ही अलग-अलग पेशे के हों, पर इन सबका मजहब एक है और वह है कट्टर इस्लाम। इसलिए लोग यह मान रहे हैं कि ये लोग जो कुछ कर रहे हैं, उनके पीछे कोई न कोई है, जो हिंदू समाज को धोखे में रखकर अपना स्वार्थ साध रहा है।
उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिन पहले गाजियाबाद में दो ऐसे मुसलमान दुकानदारों का पता चला, जो हिंदू नाम से दुकान चला रहे थे। इनमें एक दुकान पुरानी सब्जी मंडी में है, जिसका नाम है ‘न्यू अग्रवाल पनीर भंडार।’ इस दुकान का मालिक है मंजूर अली। दूसरी दुकान ‘लालाजी पनीर भंडार’ के नाम से है। इसका मालिक ताहिर हुसैन है। इन दोनों का कहना था कि हिंदू नाम रखने से ग्राहक कम पूछताछ करते हैं और धंधा अच्छा चलता है। यानी ये धंधे के लिए हिंदुओं के साथ धोखा कर रहे थे। इनकी पोल तब खुली जब कुछ लोगों को पता चला कि इनका जीएसटी नंबर इनके असली नाम से है। स्थानीय दुकानदारों ने इनका विरोध किया तो ये लोग अपनी दुकानों के नाम बदलने के लिए तैयार हो गए।
धोखे का दूसरा उदाहरण भी उत्तर प्रदेश से ही है। इन दिनों सोशल मीडिया में कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें से एक वीडियो में दिख रहा है कि 25-30 साल के भगवा वस्त्रधारी कुछ युवा हिंदू घरों से भिक्षा मांग रहे हैं। ये लोग बहुत ही सफाई से देवी-देवताओं का नाम भी ले रहे हैं। लेकिन इनमें से एक यह बोलता दिख रहा है, ‘‘विष्णु माई के नाम पर कुछ दे दो।’’ इन शब्दों से कुछ युवाओं को इनके बारे में शंका हुई तो उन्होंने उन सबसे पूछताछ की। पहले तो ये लोग अपने को हिंदू ही बताते रहे, लेकिन जब थोड़ी सख्ती की गई तो सच उगलने लगे। सभी मुसलमान थे। ये लोग जवान हैं और कमाकर खा सकते हैं, लेकिन छद्म वेश में भीख मांग रहे हैं। यानी ये लोग भी हिंदुओं को धोखा दे रहे थे। ऐसे ही राजस्थान का एक वीडियो है। इसमें मौसिम नाम का एक लड़का दिखाई दे रहा है। उसने एक ‘टी शर्ट’ पहनी है, जिसके अगले हिस्से पर ‘ब्राह्मण’ लिखा हुआ है और फरसे का चित्र भी छपा हुआ है। इस ‘टी शर्ट’ को पहनकर वह हिंदू मुहल्लों में बेखटके घूमता था और स्कूल या कॉलेज जाने वाली लड़कियों को छेड़ता था। जब छेड़छाड़ की कई घटनाएं हुर्इं तो कुछ युवाओं ने एक दिन मौसिम को पकड़कर उससे पूछताछ की। वह भी अपने को हिंदू बताता रहा। कड़ाई से पूछने पर उसने भी सच बता दिया। उसने बताया कि ‘ब्राह्मण’ शब्द वाली ‘टी शर्ट’ इसलिए पहनी थी कि लोग उसे हिंदू ही मानें।
धोखे का तीसरा उदाहरण है दिल्ली के मालवीय नगर का। मालवीय नगर के पास खिड़की गांव है। यहां अनेक घरों के बाहर ‘आर्य समाज विवाह स्थल’, ‘आर्य समाज मैरिज मंडल’ जैसे बोर्ड मिल जाएंगे। इनमें से कुछ केंद्र आर्य समाज की पद्धति से विवाह कराने का दावा करते हैं, तो कुछ इसकी आड़ में कन्वर्जन भी करा रहे हैं। इन केंद्रों के नाम से तो लगता है कि इनका संचालक कोई न कोई हिंदू होगा, लेकिन कई केंद्रों के संचालक मुसलमान हैं। लोगों का मानना है कि ये लोग निकाह भी कराते हैं। खास बात है कि इन केंद्रों के संचालकों में से बहुत सारे वकील भी हैं। एक ऐसे ही वकील हैं आफताब खान। इन्होंने ‘आर्य समाज मैरिज मंडल’ के नाम से एक संस्था बना रखी है। इसी संस्था का कुछ समय पहले एक वीडियो वायरल हुआ था।

वीडियो बनाने वाले सागर मलिक कहते हैं, ‘‘कुछ हिंदू युवाओं को इस संस्था के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने छद्म नाम से एक लड़का और लड़की को वहां भेजा। वहां उन दोनों को जैकी खान नामक एक व्यक्ति मिला। लड़के ने अपने को मुसलमान और लड़की ने हिंदू बताते हुए कहा कि दोनों शादी करना चाहते हैं। इस पर जैकी ने कहा कि दोनों पहचानपत्र दिखाओ, लेकिन दोनों ने कहा कि वे घर से भागकर शादी करना चाहते हैं इसलिए वे कागज अपने साथ नहीं ला पाए। फिर जैकी ने कहा कि कोई बात नहीं 10,000 रु. दो, सारे कागज बनवा देंगे और विवाह हो जाएगा।’’ क्या कोई मुसलमान लड़का किसी हिंदू लड़की से ‘विवाह’ करता है? इसका उत्तर है, नहीं। वह तो निकाह करता है। इसलिए कहा जा सकता है कि क्या ‘आर्य समाज मैरिज मंडल’ निकाह करा रहा था? सागर सवाल करते हैं कि कोई मुसलमान हिंदू नाम की संस्था बनाकर किसी का विवाह क्यों करवाता है? इसका उत्तर भी वही देते हैं, ‘‘हिंदू नाम की आड़ में ये लोग हिंदू लड़कियों का कन्वर्जन कराते हैं। लव जिहाद को बढ़ावा देते हैं। इसलिए ऐसी संस्थाओं का विरोध होना चाहिए।’’
वीडियो वायरल होने के बाद खिड़की गांव से ‘आर्य समाज मैरिज मंडल’ की ‘दुकान’ बंद हो गई है। लेकिन उस ‘दुकान’ के बोर्ड पर लिखे एक नंबर (9999137894) पर वकील आफताब से बात हुई तो वे खुद बोले,‘‘भले ही खिड़की गांव में दफ्तर नहीं रहा, लेकिन उसी नाम से दूसरी जगह काम चल रहा है।’’ जब हमने आफताब से पूछा कि आप एक मुसलमान होते हुए हिंदू नाम से संस्था खोलकर विवाह क्यों करवा रहे हैं, तो उन्होंने कहा, संस्था में कुछ हिंदू भी हैं। आफताब से यह पूछने पर कि आर्य समाज जब विवाह कराता है, तो आप लोगों को उसके जैसे नाम से संस्था खोलने की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने जवाब दिया, ‘‘आर्य समाज में बहुत सारे कागज मांगे जाते हैं और जिनके पास कागज नहीं होते हैं, उनका विवाह वे नहीं कराते। लेकिन हमारी संस्था विवाह लायक जोड़े की शादी बिना किसी कागज के करने में मदद करती है।’’ अब आप इनके इस बयान का अर्थ निकालने के लिए स्वतंत्र हैं।
उधर आर्य समाज के नाम पर ‘दुकान’ चलाने वालों का आर्य प्रतिनिधि सभा, दिल्ली ने विरोध किया है। सभा के महामंत्री विनय आर्य ने बताया, ‘‘कुछ लोग, जिनमें मुसलमान भी शामिल हैं, आर्य समाज इन दो शब्दों के साथ और कुछ शब्द जोड़कर संस्था बना लेते हैं और उसका पंजीयन भी करा लेते हैं। यह गलत है। ये लोग आर्य समाज को बदनाम कर रहे हैं। इसलिए आर्य प्रतिनिधि सभा ने इन संगठनों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा भी चल रहा है। उम्मीद है, आने वाले समय में इनकी मनमानी रुक जाएगी।’’
आश्चर्य
की बात तो यह है कि कुछ मुसलमान ‘आर्य समाज विवाह स्थल’ के नाम से संस्था
पंजीकृत कराकर निकाह करा रहे हैं तो कुछ भगवा वस्त्र पहनकर साधु वेश में
भिक्षा भी मांग रहे हैं, वहीं कुछ मुस्लिम युवा तो फेसबुक पर हिंदू नाम से
सक्रिय हैं
ऐसे ही आपने ‘आशु महाराज’ का नाम सुना होगा। उसका असली नाम आसिफ मोहम्मद खान है। दो साल पहले उसकी धूर्तता पकड़ी गई। कभी साइकिल का पंक्चर लगाने वाले आसिफ मोहम्मद खान ने एक षड्यंत्र के अंतर्गत ज्योतिषी का आधा-अधूरा काम सीखा। इसके बाद वह अपना नाम आशु महाराज रखकर हस्तरेखा देखने का काम करने लगा। सहज और सरल हिंदुओं के भरोसे उसका यह काम चल पड़ा। इसी नाम से उसने हिंदुओं के बीच अपनी पैठ बनाई और कभी हस्तरेखा देखने के नाम पर, तो कभी किसी ग्रह को दूर करने के नाम पर खूब पैसा कमाया। एक जानकारी के अनुसार उसने दिल्ली के रोहिणी, हौजखास जैसे हिंदू इलाकों में मकान-दुकान लेकर अपने रिश्तेदारों को बसाया है। उसने सारी संपत्ति हिंदू नाम से ली है, पर उसका उपभोग मुसलमान कर रहे हैं। हिंदू नाम से मकान-दुकान खरीदने में उसे हिंदू मुहल्ले में कोई दिक्कत नहीं आई। यानी उसने भी अपनी कौम के लिए जिहाद ही किया। दो साल पहले उसकी असलियत तब सामने आई जब कुछ महिलाओं ने शिकायत की कि उनके साथ ‘आशु महाराज’ ने बलात्कार किया है। यानी आसिफ खान ने आशु बनकर पहले हिंदुओं को लूटा। लूट के पैसे से ही हिंदुओं की मकान-दुकान खरीदी। हिंदू नाम से ही हिंदू महिलाओं को अपने जाल में फंसाया। जांच से पता चला है कि उसके सारे कागजात जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट और मतदाता पहचानपत्र आदि आसिफ खान के नाम से ही हैं, लेकिन हिंदुओं को धोखा देने के लिए उसने हिंदू नाम का सहारा लिया। इस धोखे के लिए वह इन दिनों जेल में है।
धोखे का एक अन्य उदाहरण दिल्ली का ही है। यह लव जिहाद का मामला है। सोहेल नामक एक मुसलमान युवक ने रोहिणी इलाके में रहने वाली एक हिंदू लड़की को अपनी बहन के जरिए अपने प्रेमजाल में फंसाया। उस लड़की को धोखा देने के लिए सोहेल की बहन ने उसे अपना नाम ‘प्रेरणा’ बताया और अपने को हिंदू। दोस्ती जब कुछ अच्छी हो गई तो वह उस लड़की को अक्तूबर, 2020 में अपने घर ले गई। वहां उसके भाई ने उसके साथ जबरदस्ती की और निकाह के लिए दबाव बनाया। जब उसने ऐसा करने से मना कर दिया तो उसके साथ मार-पीट की गई। एक रपट के अनुसार इसमें सोहेल के मां-बाप भी शामिल थे। अब सोहेल और उसके अब्बू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
इन घटनाओं से तो यही लगता है कि ये लोग जो कुछ कर रहे हैं, वह मजहबी उन्माद के तहत कर रहे हैं। ऐसा भी कह सकते हैं कि इस मकसद को पूरा करने के लिए किसी के साथ धोखा करना भी इनके लिए ‘जायज’ है।