पंजाब में भाजपा विधायक अरुण नारंग पर हमले का मामला हो या भाजपा
कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस समर्थित कथित किसानों के हाथों अब तक हुई
गुण्डागर्दी और उस पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर
सिंह सरकार की लीपापोती वाली कार्रवाई। राज्यपाल ने इन सभी घटनाओं को
गम्भीरता से लिया है। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने इस संबंध में
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से जवाब मांगा है।
पंजाब
में भाजपा विधायक अरुण नारंग पर हमले का मामला हो या भाजपा कार्यकर्ताओं
के साथ कांग्रेस समर्थित कथित किसानों के हाथों अब तक हुई गुण्डागर्दी और
उस पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की
लीपापोती वाली कार्रवाई। राज्यपाल ने इन सभी घटनाओं को गम्भीरता से लिया
है। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से
जवाब मांगा है।
पंजाब में पुलिस और सरकारी मशीनरी सत्ताधारी
कांग्रेस के इशारे पर गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से काम कर रही है। यह
आरोप हाल ही में मलोट में भाजपा विधायक अरुण नारंग पर हमले की घटना को लेकर
भाजपा के पंजाब अध्यक्ष ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में लगाया था। इन्हें
आधार मानते हुए राज्यपाल ने पत्र भेजकर मुख्यमंत्री से न सिर्फ जवाब-तलब
कर लिया है, बल्कि भाजपा विधायक पर हमले के मामले में कड़ी कार्रवाई करने
का निर्देश भी दिया। राज्यपाल ने प्रदेश भाजपा की शिकायत के आधार पर
मुख्यमंत्री से कार्रवाई करने को कहा है, जिससे भविष्य में ऐसी कोई घटना न
हो। राज्यपाल के प्रमुख सचिव जेएम बालामुरुगन ने राज्यपाल की तरफ से
मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव को भेजे पत्र में पंजाब भाजपा अध्यक्ष
अश्वनी शर्मा के ज्ञापन का हवाला दिया है।
ज्ञात हो कि 27 मार्च को
भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल से मिले थे
और इस दौरान एक ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में कहा गया था कि पंजाब में भाजपा
कार्यकर्ताओं पर हमले और हिंसा की बढ़ती घटनाओं को रोका जाए और राज्य में
कानून-व्यवस्था बहाल की जाए। ज्ञापन में आरोप लगाया गया था कि पंजाब पुलिस
और सरकारी मशीनरी सत्ताधारी कांग्रेस की देखरेख में गैरकानूनी और
असंवैधानिक तरीके से काम कर रही है।
अब राज्यपाल की तरफ से भेजे
पत्र में कहा गया है कि यह पूरा मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया जाए
और इसमें तुरंत कार्रवाई करते हुए दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। भविष्य
में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए भी कड़े कदम उठाए जाएं।