बांग्लादेश स्थित खुलना में जिहादियों ने एक विवाद के बाद चार हिन्दू मंदिरों पर हमला किया। अराजक तत्वों ने न केवल देव मूर्तियों को खंडित किया बल्कि हिन्दू समुदाय के घर, दुकान और प्रतिष्ठान को भी जमकर नुकसान पहुंचाया। खबरों के अनुसार जिहादियों ने इस दौरान 100 से अधिक घरों में लूटपाट की और उन्हें आग के हवाले कर दिया
पाकिस्तान के रहीमयार खान में मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं के एक मंदिर को तोड़े सप्ताह भी नहीं गुजरा था कि अब बांग्लादेश से भी ऐसी ही घटना प्रकाश में आ रही है। खबरों के अनुसार बांग्लादेश स्थित खुलना जिले में जिहादियों ने एक विवाद के बाद चार हिन्दू मंदिरों पर हमला किया। इस दौरान अराजक तत्वों ने न केवल देव मूर्तियों को खंडित किया बल्कि निकट के हिन्दू समुदाय के घर, दुकान और प्रतिष्ठान को भी जमकर नुकसान पहुंचाया। इस दौरान करीब 100 से अधिक घरों को भी जिहादियों ने आग के हवाले कर दिया और हिन्दू परिवारों को निशाना बनाया। हमले में 30 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनका इलाज सदर हॉस्पिटल में चल रहा है। घटना में कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम का नाम सामने आ रहा है, जिसके तार सीधे पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हुए हैं।
दरअसल, घटना गत शनिवार को रूपशा उपजिला के शियाली गांव की है। खबरों के अनुसार हिंदू एक धार्मिक जुलूस निकालना चाहते थे, जिसका सिआली गांव की एक मस्जिद के मौलवी ने विरोध किया। इसके बाद कट्टरपंथियों की भीड़ ने हमला कर दिया। इस दौरान जिहादियों ने कम से कम 50 हिंदू घरों को निशाना बनाया और 4 मंदिरों— हरि मंदिर, दुर्गा मंदिर और गोविंदा मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की। इन मंदिरों में रखी 10 से अधिक देवमूर्तियों को खंडित कर दिया। पुलिस ने घटना के संबंध में 10 लोगों को हिरासत में लिया है।
कट्टरपंथी संगठन है हिफाजत-ए-इस्लाम
बता दें कि हिफाजत-ए-इस्लाम ने कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान जमकर हिंसा की थी। इस दौरान कई लोग मारे भी गए थे। तब बांग्लादेश सरकार ने कट्टरपंथी संगठन के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। ज्ञात हो कि हिफाजत-ए-इस्लाम का गठन 2010 में बांग्लादेश के मदरसा शिक्षकों और छात्रों को मिलाकर किया गया था। यह एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन है, जिसकी अधिकतर फंडिंग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी करती है।
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