कोरोना की उत्पत्ति का स्थान वुहान लैब। (प्रकोष्ठ में) सांसद माइकल मैककॉल
शातिर ड्रेगन ने वुहान लैब से कोरोना वायरस के लीक होने के कयासों से सदा इंकार ही किया है जबकि सब जानते हैं कि उसने इस महामारी की उत्पत्ति से जुड़ा तमाम डाटा बर्बाद कर दिया है। अब अमेरिका की रिपब्लिकन कमेटी ने सबूतों के आधार पर रपट जारी करके कहा है कि कोरोना वायरस वुहान लैब से ही निकला है
कोरोना वायरस वुहान लैब से ही निकला है इसकी एक बार फिर से पुष्टि हुई है अमेरिका से जारी हुई एक रपट में। अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की रपट का दावा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन में और वह भी वुहान लैब में हुई है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का जांच दल कोरोना की उत्पत्ति का पता करने चीन की वुहान लैब का दौरा करने गया था, लेकिन उसने वहां से इस वायरस के लीक होने की थ्योरी से इंकार किया था।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी की यह रिपोर्ट दावा सीधे सीधे चीन को कठघरे में खड़ा करती है। इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो चीन पर सीधा आरोप लगाया था कि कोरोना की उत्पत्ति के पीछे वही जिम्मेदार है, उसने ही वुहान लैब में इसे तैयार करके छोड़ा है। ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़ा किया था और उसको दिए जाने वाले अनुदान को रोकने के आदेश दिए थे। लेकिन उनके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर आए जो बाइडेन भी ट्रंप के मत के साथ खड़े रहे और उन्होंने वुहान लैब की दोबारा जांच की मांग की थी।
2 अगस्त को जारी हुई इस नई रपट में कहा गया है कि कोरोना के पीछे जिम्मेदार कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब की उपज है। रिपोर्ट में इस थ्योरी को बेबुनियाद बताया गया है कि कोरोना का वायरस वुहान के ही सीफूड बाजार से निकला है। रपट के अनुसार, इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि वायरस सितंबर 2019 से पहले ही वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हो चुका था। लेकिन तब इस महामारी पर दुनिया का खास ध्यान नहीं गया था।
रपट वुहान सीफूड बाजार को वायरस का मूल स्रोत मानने से इंकार करते हुए कहती है कि प्राप्त सबूत साफ बताते हैं कि कोरोना वायरस वुहान लैब से लीक हुआ और वह भी सितंबर, 2019 से थोड़ा पहले। यह रपट तैयार की सदन की विदेश मामलों की कमेटी में सदस्यों ने और जारी की कमेटी के सबसे वरिष्ठ रिपब्लिकन सांसद माइकल मैककॉल ने। माइक ने मांग की कि दोनों दल मिलकर कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करें।
रपट बताती है कि वुहान लैब में सुरक्षा की व्यवस्था ठीक नहीं थी। जुलाई, 2019 में मलबा संस्करण तंत्र के लिए 1.5 मिलियन डॉलर की राशि मांगी गई थी। कहा गया है कि वुहान लैब में चीन के वैज्ञानिक कोरोना वायरस में रिवर्स इंजीनियरिंग पर काम कर रहे थे जिससे यह इंसानों को संक्रमित कर सके। वुहान लैब को अमेरिका और चीन की सरकार, दोनों से काफी मोटा अनुदान मिल रहा था।
यह कोई छिपी बात नहीं है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपनी गुप्तचर एजेंसियों को कोरोना वायरस का स्रोत पता लगाने का काम दिया हुआ है। माइकल की भी तकरीबन ऐसा ही एक प्रयास है। बता दें कि वुहान में ही दिसंबर 2019 में कोविड महामारी का पहला मामला देखेने में आया था।
रपट वुहान सीफूड बाजार को वायरस का मूल स्रोत मानने से इंकार करते हुए कहती है कि प्राप्त सबूत साफ बताते हैं कि कोरोना वायरस वुहान लैब से लीक हुआ और वह भी सितंबर, 2019 से थोड़ा पहले। यह रपट तैयार की सदन की विदेश मामलों की कमेटी में सदस्यों ने और जारी की कमेटी के सबसे वरिष्ठ रिपब्लिकन सांसद माइकल मैककॉल ने।
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