राजस्थान के पूर्व हेल्थ मिनिस्टर एमामुद्दीन अहमद उर्फ दुर्रू मियां का एक कथित ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे कार्यकर्ता सारेकला निवासी सद्दाम से कह रहे हैं कि हिंदू MLA रहेंगे तो यही होता रहेगा।
बातचीत के दौरान कार्यकर्ता किसी घटना का जिक्र करते हुए कहता है कि पुलिस की ओर से उन लोगों को जहां-तहां रोक दिया जाता है। साथ में चाहे महिला रहे या कोई भी, पुलिस तुरंत रोक लेती है। उनके साथ मारपीट की जा रही है। पुलिस केवल उनके समुदाय के लोगों को ही रोकती है। उन्हीं पर जुल्म होता है। दूसरे समुदाय को नहीं रोका जाता। इस पर दुर्रू मियां कहते हैं कि जब हिन्दू MLA रहेंगे तो यही होगा। मैं तुम्हारे साथ हूं। जब मैं मंत्री था तो तुम लोग पीटा करते थे। चार- साढ़े हजार डंपर चल रहे थे, अब कितने चल रहे हैं। कार्यकर्ता कहता है कि आपने अच्छा काम किया था। इस पर दुर्रू मियां कहते हैं कि चुनाव में मुझे तीसरे नंबर पर टिका दिया। मैं तो यही कहता था कि तुम राओगे। मेरा कुछ नहीं जाएगा। यही तो रोना है। इस दौरान कार्यकर्ता कहना है कि हां मैंने उस समय थानेदार को पीटा था।
पूर्व मंत्री ने कहा कि 23 हजार लोगों ने मेरे खिलाफ वोट दिया। पालपुर को चार मुलजिम को उठाकर ले गए और मुख पर आरोप लगाया गया कि इनके कारण गुंडागर्दी हो रही है। बातचीत में चुनाव में वोट नहीं मिलने, अहीर के विधायक बनने, अवैध डंपर को लेकर भी बात कर रहा है, लेकिन इसके जवाब में पूर्व मंत्री कई विवादित बातें बोल रहे हैं। इसके अलावा मामुद्दीन अहमद ने कहा कि कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली ने अपने लोगों को कह दिया कि दुर्रू मियां जीत गया तो मेरा नंबर नहीं आएगा। वो तो सब एक हो गए, लेकिन हमारे वाले एक नहीं होते। हम आपस में एक-दूसरे की आंख निकालने को तैयार हैं तो क्यों साथ होंगे। बता दें कि एमामुद्दीन अहमद अलवर जिले के तिजारा से पूर्व विधायक हैं।
बीजेपी ने कहा- सत्ता का दुरुपयोग और तुष्टिकरण कांग्रेस की फितरत
दुर्रू मियां के कथित वायरल ऑडियो को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'इस ऑडियो से साफ है कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती है। इस घटना से राजस्थान शर्मसार हुआ है। इस ऑडियो से कांग्रेस का चरित्र भी सबके सामने आ गया है। सत्ता का दुरुपयोग और तुष्टिकरण कांग्रेस की फितरत है। पूर्व मंत्री से खुद एक व्यक्ति कह रहा है कि थानेदार को पीटा था, साढ़े चार सौ डंपर चलते थे। इसे सत्ता का दुरुपयोग ही तो कहते हैं। कांग्रेस सत्ता में होती है तो अराजक घटनाएं क्यों होती हैं? अपराधियों को संरक्षण देना कांग्रेस की फितरत में है।'
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