राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सुबह ही जम्मू-कश्मीर में 16 जगहों पर छापेमारी की।यह छापा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन,द रेसिस्टेंस फ्रंट समेत दिल्ली-एनसीआर में 5 स्थानों सहित विभिन्न तंजीमों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) से जुड़ी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश को सामने लाने के लिए किया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले रविवार को भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए ) ने जम्मू-कश्मीर में 16 जगहों पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के आतंकी सज्जाद गुल के घर पर भी अधिकारियों ने छापा मारा था। वहीं बीते रविवार को छापेमारी के दौरान एजाज अहमद टाक पुत्र गुलाम मोहम्मद टाक, मुदासिर अहमद अहंगर पुत्र गुलाम मोहिउद्दीन अहंगर, नसीर मंजूर मीर पुत्र मंज़ूर अहमद मीर और जुनैद हुसैन खान पुत्र मोहम्मद हुसैन खान से एनआईए के अधिकारियों ने पूछताछ की थी।
बता दें कि कश्मीर घाटी में इस महीने हुई टारगेट किलिंग के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जम्मू-कश्मीर को लेकर गृह मंत्रालय समेत सभी सुरक्षा एजेंसी सतर्क हैं। घाटी में लगातार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। वहीं इस बीच हमले में शामिल आतंकियों की धरपकड़ के लिए पूरे कश्मीर में कई जगहों पर छापे मारकर 500 से अधिक युवाओं को हिरासत में लिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार युवाओं से पूछताछ जारी है। जानकारी के मुताबिक पकड़े गए युवाओं में पत्थरबाज, ओजीडब्ल्यू की संदिग्ध सूची में शामिल युवा और जमात-ए-इस्लामी व तहरीक-ए-हुर्रियत से जुड़े लोग भी हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर भेजे गए आईबी के वरिष्ठ अधिकारी पूरी स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
बता दें कि कश्मीर घाटी में इस महीने हुई टारगेट किलिंग के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जम्मू-कश्मीर को लेकर गृह मंत्रालय समेत सभी सुरक्षा एजेंसी सतर्क हैं। घाटी में लगातार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। वहीं इस बीच हमले में शामिल आतंकियों की धरपकड़ के लिए पूरे कश्मीर में कई जगहों पर छापे मारकर 500 से अधिक युवाओं को हिरासत में लिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार युवाओं से पूछताछ जारी है। जानकारी के मुताबिक पकड़े गए युवाओं में पत्थरबाज, ओजीडब्ल्यू की संदिग्ध सूची में शामिल युवा और जमात-ए-इस्लामी व तहरीक-ए-हुर्रियत से जुड़े लोग भी हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर भेजे गए आईबी के वरिष्ठ अधिकारी पूरी स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
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