जम्मू—कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने घोषणा करते हुए कहा कि जनजातीय समुदाय को नौकरी तथा राजनीति में आरक्षण मिलेगा। हर जिले में जनजातीय छात्र—छात्राओं के लिए छात्रावास बनाए जाएंगे और उनकी संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा।
जम्मू—कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने घोषणा करते हुए कहा कि जनजातीय समुदाय को नौकरी तथा राजनीति में आरक्षण मिलेगा। हर जिले में जनजातीय छात्र—छात्राओं के लिए छात्रावास बनाए जाएंगे और उनकी संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा। अभी तक 7 छात्रावास बनने की कगार पर हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने 79 अतिरिक्त छात्रावासों और पांच नए एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है।
उन्होंने कहा कि जनजातीय पर्यटक गांव विकसित करने का फैसला लिया गया है, जिसके तहत 15 गांव पहले चरण में चयनित किए गए हैं। तीन करोड़ की लागत से इस पर काम शुरू होगा। इसके अलावा जनजातीय उपकेंद्रों, सड़क, बिजली, आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी जल्द काम शुरू होगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि 28 करोड़ रुपए की लागत से आठ स्थानों पर आदिवासियों के लिए ट्रांजिट आवास बनाने का भी निर्णय लिया गया है। इतना ही नहीं भविष्य में ऐसे और आवास बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर ट्रांजिट आवास में 150-200 लोग रह सकते हैं और उनके जानवरों को भी रखने के लिए यहां विशेष इंतजाम होंगे।
जिन क्षेत्रों में सामुदायिक अधिकार दिए जा रहे हैं, उन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी। क्लस्टर जनजातीय मॉडल गांव के लिए 73 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो अब तक सर्वाधिक है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन जनजातीय समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए विभिन्न स्तरों पर लगातार काम कर रहा है और उनके विकास और बेहतरी के लिए मिशन मोड में काम करेगा।
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