उत्तराखंड ब्यूरो
उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा गुटबाज यात्रा में परिवर्तित हो चुकी है।
उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा गुटबाज यात्रा में परिवर्तित हो चुकी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि हमने 37 टिकट फाइनल कर दिए हैं, जबकि नेता प्रतिपक्ष कहते हैं कि अध्यक्ष को टिकट फाइनल करने की शक्ति ही नहीं है।
उत्तराखंड कांग्रेस के नेता हरीश रावत को गुटबाजी के लिए जाना जाता है। राज्य में मुख्यमंत्री रहते कांग्रेस विभाजित हुई। हरीश रावत पंजाब गए। वहां कैप्टन और सिद्धू खेमा बन गया। उत्तराखंड में वे चुनाव अभियान समिति के प्रमुख बने। अपने चहेते गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनवा लाये। पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह का खेमा बन गया। चार—चार कार्यकारी अध्यक्ष बने। कांग्रेस छह—सात खेमो में बंट गयी।
कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि 70 में से 37 टिकट फाइनल कर दिए गए हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कहते हैं कि अध्यक्ष नहीं कांग्रेस का पार्लियामेंटरी बोर्ड टिकट तय करता है। दोनों नेताओं के इस बयान से एक बार फिर कांग्रेस की गुटबाज़ी सतह पर आ गयी।
परिवर्तन यात्रा के दौरान गुटों में गाली—गलौज, धक्का—मुक्की के नजारे आम हैं। रामनगर में रंजीत रावत गुट और हरीश रावत गुट सड़क पर आ गए। ऐसा हर जगह हो रहा है। गुटबाजी की खबर मीडिया में सुर्खियां बटोर रही हैं।
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