उत्तराखंड में पिछली सरकार ने एक जिला एक उत्पाद योजना शुरू की थी। अब धामी सरकार ने उसमें संशोधन करते हुए एक जिला दो उत्पाद योजना पर फोकस किया है। मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि आपदा में लोगों को बहुत नुकसान हुआ है। आर्थिक चक्र प्रभावित हुआ है। लिहाजा हर जिले में दो खास वस्तुओं पर अधिकारी ध्यान देंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार से सीधे जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री धामी ने जिले के मुख्य विकास अधिकारियों से विचार-विमर्श करके हर जिले में एक उत्पाद की जगह दो उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में एक जिला दो उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा।
जिले और उत्पाद
अल्मोड़ा जिले में ट्वीड से बने वस्त्र और बाल मिठाई। बागेश्वर जिले में ताम्र शिल्प, मंडवा बिस्किट। चंपावत जिले में लौह शिल्प, हाथ से बने उत्पाद। चमोली में हथकरघा-हस्तशिल्प, एरोमेटिक हर्बल उत्पाद। देहरादून में बेकरी, मशरूम। हरिद्वार में गुड़ और शहद। नैनीताल में ऐपण और कैंडिल। पिथौरागढ़ में ऊनी कॉरपेट, राजमा। पौड़ी जिले में हर्बल उत्पाद, लकड़ी फर्नीचर। रुद्रप्रयाग में मन्दिर अनुकृति शिल्प, प्रसाद उत्पाद। टिहरी में नथ, नैचुरल फाइबर उत्पाद। उधम सिंह नगर में मेंथा ऑयल, मूंज ग्रास उत्पाद। उत्तरकाशी जिले में ऊनी हस्तशिल्प, सेब उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा।
पनपेगा बाजार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत से जिलो में पहले से ही अन्य उत्पादों की मार्केट बनी हुई है। उधमसिंह नगर में चावल मशहूर है और नैनीताल जिले में इमारती लकड़ी, बिरोजा का बाजार है, बागेश्वर से सोप स्टोन दुनिया भर में जा रहा है। धीरे धीरे उत्पादों को सरकार मान्यता देगी तो उसका बाजार भी पनपेगा।
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