मुल्ला याकूब के आतंकी गुट लश्करे तैयबा और जैशे मोहम्मद से नजदीकी रिश्ते हैं। जानकार कहते हैं, वह पाकिस्तान के कंधे पर सवार है, उसे पाकिस्तान की पूरी शह मिली हुई है
अफगानिस्तान में घोषित की गई तालिबान लड़ाकों की 'अंतरिम सरकार' में एक से एक बर्बर माने जाने वाले सरगनाओं के अलावा ऐसे आतंकियों के नाम हैं जो अमेरिका की 'मोस्ट वांटेड' की सूची में हैं। साथ ही बताया यह भी जा रहा है कि जिस बगराम हवाईअड्डे को चीन अपने काबू में लेने वाला है वहां वह अपने सैनिकों आर्थिक मामले देखने वाले अधिकारियों को तैनात करने की सोच रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान ने जिस 'अंतरिम सरकार' का गठन किया है उसमें रक्षा मंत्री बनाया गया है मुल्ला मोहम्मद याकूब को। याकूब तालिबान के उसी संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा है जिसने 1999 में भारतीय विमान आईसी 814 के अपहरण की साजिश रची थी। उस विमान का अपहरण करके अपहर्ता कंधार ले गए थे। मुल्ला याकूब के आतंकी गुट लश्करे तैयबा और जैशे मोहम्मद से नजदीकी रिश्ते हैं। कहते हैं, वह पाकिस्तान के कंधे पर सवार है, उसे पाकिस्तान की पूरी शह मिली हुई है। तालिबान लड़ाकों को मोर्चों पर याकूब ही उतारता रहा है। कहा जा रहा है कि ऐसे याकूब को रक्षा मंत्री आईएसआई के कहने पर बनाया गया है।
याकूब तालिबान के उसी संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा है जिसने 1999 में भारतीय विमान आईसी 814 के अपहरण की साजिश रची थी। उस विमान का अपहरण करके अपहर्ता कंधार ले गए थे।
याकूब की इस पृष्ठभूमि का होकर उसे तालिबान सरगनाओं द्वारा 'रक्षा मंत्री' बनाया जाना दुनियाभर में हैरत के साथ देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग मजाक उड़ा रहे हैं। और ऐसों की हुकूमत चलाने वाले तालिबान के लिए चीन रणनीतिक कारणों से पैसा बरसा रहा है।
बीजिंग ने अपनी ओर से 31 मिलियन डॉलर की राहत राशि देने की घोषणा की है। उसने कभी अमेरिका के नियंत्रण में रहे बगराम हवाईअड्डे पर पीएनए के सैनिकों की तैनाती का खाका तैयार करना शुरू कर दिया है। कहने को तो, चीन के विदेश मंत्रालय ने इस सबसे इंकार किया है, पर सूत्र बताते हैं तालिबान बीजिंग की 'मदद' के चलते उस पर मेहरबान है। बगराम हवाईअड्डा राजधानी काबुल से करीब एक घंटे की दूरी पर है।
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