गत रविवार को जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बड़ी कार्रवाई की। एनआईए ने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ दर्ज एक मामले के सिलसिले में राज्य में लगभग 40 स्थानों पर छापेमारी की।
गत रविवार को जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बड़ी कार्रवाई की। एनआईए ने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ दर्ज एक मामले के सिलसिले में राज्य में लगभग 40 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान श्रीनगर स्थित सौरा निवासी गाजी मोइन-उल इस्लाम के आवास और नौगाम में फलाह-ए-आम ट्रस्ट पर छापेमारी की गई। इसके अलावा अनंतनाग जिले में मुश्ताक अहमद वानी पुत्र गुलाम हसन वानी, नजीर अहमद रैना पुत्र गुलाम रसूल रैना, फारूक अहमद खान पुत्र मोहम्मद याकूब खान और आफताक अहमद मीर, अहमदुल्ला पारे के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई।
इसी तरह बडगाम में सोइबुग के रहने वाले डॉ. मोहम्मद सुल्तान भट, गुलाम मोहम्मद वानी और गुलजार अहमद शाह, बांदीपोरा में पूर्व जमात अध्यक्ष के मोहम्मद सिकंदर मलिक के आवास, गांदरबल, शोपियां, कुलगाम, बारामुला, पुलवामा, रामबन, डोडा समेत कई अन्य जिलों में जमात नेताओं के आवासों पर छापेमारी की गई।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2019 में जमात—ए—इस्लामी संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन इसके बाद भी जम्मू-कश्मीर में संगठन की गतिविधियां जारी थी। एनआईए की टेरर फंडिंग केस में अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है।
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