बालेन्दु शर्मा दाधीच
माइक्रोब्लॉगिंग फ्लेटफॉर्म सिर्फ चर्चित हस्तियों के काम के ही नहीं हैं बल्कि आम लोगों के लिए भी इनकी बहुत उपयोगिता है। इससे न सिर्फ आप खबरों के बारे में अपडेट रह सकते हैं बल्कि राय भी ले-दे सकते हैं, शिकायत कर सकते हैं, सूचित कर सकते हैं, अपने उत्पाद बेच सकते हैं, भर्तियां कर सकते हैं और इस रह की अनेक चीजों से लाभान्वित हो सकते हैं
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर राजनेताओं, फिल्मी सितारों और दूसरे चर्चित व्यक्तित्वों के बीच खासा लोकप्रिय है। लेकिन क्या आप-हम जैसे लोगों के लिए भी इसकी कोई उपयोगिता है? शुरुआती दिनों की भांति ट्विटर को लेकर आम लोगों के मन में थोड़ा असमंजस और थोड़ी अनभिज्ञता है। यह उलझन बरकरार है कि ट्विटर से जुड़ना आखिर क्यों जरूरी है। भला किसके पास इतना समय है कि वह अपने बारे में लगातार ‘स्टेटस मैसेज’ भेजता रहे और दूसरे लोगों के बारे में पल-पल की खबर लेता रहे? यही बात भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग नेटवर्क ‘कू’ पर लागू होती है। बहरहाल, आइए, कुछ संभावनाओं को खंगालते हैं।
यूं तो ट्विटर और कू भी अन्य इंटरनेट आधारित माध्यमों (जैसे सर्च इंजन, ब्लॉग, वेबसाइट आदि) की ही भांति सूचनाएं पाने का जरिया है लेकिन उन्होंने सूचना लेने और देने का तरीका उलट दिया है। जब कोई प्रयोक्ता सर्च इंजन पर जाता है तो वह सूचनाओं की मांग करता है, या यूं कहें कि सूचनाओं को 'पुल' करता है, या अपनी ओर खींचता है। इंटरनेट पर अधिकांश स्थानों पर यही मॉडल कार्य करता है। लेकिन ट्विटर पर हमें सूचनाएं ‘पुल’ नहीं करनी पड़तीं। वह स्वयं हमें सूचनाएं देता है, उन्हें हमारी ओर ‘पुश’ करता है, यानी कि धकेलता है। वहां हम सूचनाएं मांगते नहीं, हमसे जुड़े लोगों द्वारा पोस्ट की गई सूचनाएं स्वत: हमें प्राप्त होती रहती हैं।
मगर क्या यह हमारे-आपके लिए उपयोगी है? अधिकांश आम प्रयोक्ताओं को यह लगता है कि हमारे पास ऐसी कौन-सी विशेष सूचना है जो ट्विटर पर मौजूद लोगों के लिए कोई अहमियत रखती हो। लेकिन इसके बावजूद आप ट्विटर से किसी न किसी रूप में लाभान्वित हो सकते हैं। कल्पना कीजिए कि आपके इलाके में भूकम्प या कोई अन्य प्राकृतिक आपदा आ गई है। देश-विदेश में अपने मित्रों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों के बीच फैली चिंता को आप सिर्फ एक ट्वीट के जरिए एक साथ मिटा सकते हैं- ‘चिंता न करें, मैं और मेरा परिवार सकुशल है।’ और ईश्वर न करे, आपको संकट काल में किसी तरह की मदद की जरूरत है तो उसके लिए भी एक ट्वीट पर्याप्त होना चाहिए।
पढ़िए ताजा खबरें : अगर आपको ताजातरीन खबरें जानने में दिलचस्पी है तो ट्विटर उसका बहुत अच्छा जरिया है। सभी बड़े मीडिया घराने इसके जरिए 'ब्रेकिंग न्यूज' .या अपनी 'विशेष खबरों' के बारे में सूचनाएं देते रहते हैं। आप अपनी पसंद के अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया घरानों को फॉलो करना शुरू कर दीजिए और फिर आपको किसी से न स्कोर पूछने की जरूरत रहेगी, न किसी खबर का अपडेट जानने की। यदि आप किसी लेखक, कवि, खोजी पत्रकार या संपादक के प्रशंसक हैं तो उनकी ताजातरीन रचनाओं की जानकारी पाने के लिए भी यह एक बेहतरीन विकल्प है।
रहिए अपडेटेड : अगर आप किसी खास क्षेत्र में कार्यरत हैं और उसमें होने वाली नवीनतम घटनाओं, उत्पादों, शोध आदि के बारे में अद्यतन रहना जरूरी समझते हैं तो अपने क्षेत्र की महत्वपूर्ण कंपनियों को फॉलो करना शुरू कर दीजिए। या फिर संबंधित क्षेत्र की प्रमुख वेबसाइटों पर ध्यान केंद्रित कीजिए। आपको बिना खोजबीन के निरंतर नई सूचनाएं मिलती रहेंगी। यदि आप किसी कंपनी का कंप्यूटर विभाग देखते हैं तो माइक्रोसॉफ्ट, एपल कंप्यूटर्स, गूगल, अमेजॉन वेब सर्विसेज, आईबीएम, सिस्को, ओपन आॅफिस, लेनोवो आदि को फॉलो कीजिए या फिर कंप्यूटर के क्षेत्र की प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं को। कौन-सा उत्पाद या सॉफ्टवेयर नया आया है और किसका नया संस्करण लॉन्च हुआ है, सारी जानकारी आपकी उंगलियों पर होगी।
दीजिए राय : ट्विटर और कू जैसे प्लेटफॉर्म आम आदमी को हर छोटे-बड़े मुद्दे पर अपनी राय देने का मौका प्रदान करते हैं। अगर किसी विषय, घटना, व्यक्ति, उत्पाद, राजनैतिक दल आदि के बारे में आपकी कोई राय या प्रतिक्रिया है तो बेधड़क ट्विटर पर अपनी बात कह डालिए।
कीजिए शिकायत : एक उपभोक्ता के रूप में अगर किसी कंपनी या उत्पाद से आप निराश, दुखी या परेशान हैं तो ट्विटर पर अपनी बात कहिए। दर्जनों टेलीफोन कॉल करने और अनगिनत ईमेल भेजने से भी जिनकी सुनवाई नहीं होती, कई बार ट्विटर पर की गई मात्र एक टिप्पणी उनके लिए कारगर सिद्ध हो जाती है। इसके विपरीत अगर आपको किसी कंपनी, विभाग आदि की सेवाएं या उत्पाद अच्छे लगे हैं तो इसी प्लेटफॉर्म पर उसकी तारीफ करने से भी आपको किसी ने रोका नहीं है।
बेचिए उत्पाद : दूसरी हार्डवेयर कंपनियों की ही तरह प्रसिद्ध कंप्यूटर कंपनी डेल के पास पुराने और रिटर्न किए हुए कंप्यूटरों की कमी नहीं है। यह सब उसके ई-कचरे में गिना जाता था। फिर अचानक डेल के अधिकारियों को ख्याल आया कि क्यों न ऐसी सामग्री को दुरुस्त कर नए कवर में 'रिफर्बिश' कर सस्ते दामों पर बेचा जाए। मगर सस्ते दामों की सामग्री के लिए प्रचार पर खर्च करना कोई समझदारी नहीं थी। ऐसे में उन्होंने ट्विटर पर डेल-आउटलेट नाम से खाता खोला और औने-पौने दामों पर दिए जाने वाले कंप्यूटरों की सूचना देनी शुरू की। यदि आपके पास भी बेचने के लिए कोई आकर्षक सेवा या उत्पाद है तो आप भी ऐसा कर सकते हैं।
पाइए प्रचार : यदि आपका कोई ब्लॉग, वेबसाइट, अखबार, पत्रिका आदि है या फिर आप किसी खास क्षेत्र में लोकप्रिय होने की जुगत में हैं तो ट्विटर मुफ्त की पब्लिसिटी पाने का आसान जरिया हो सकता है। अपने लेखों के लिंक ट्वीट कीजिए और हिट्स बढ़ाइए। अखबार या पत्रिका में कोई विशेष चीज प्रकाशित होने जा रही है या कोई दिलचस्प इंटरव्यू आने वाला है तो एक साथ हजारों लोगों को सूचित करने के लिए ट्विटर एक अच्छा तरीका है।
ढूंढ़िए जवाब : अगर कोई मुश्किल सवाल आपको परेशान कर रहा है और जवाब ढूंढ़े से भी नहीं मिल रहा, तो वही सवाल ट्विटर पर दाग दीजिए। देखिए, कुछ ही समय में कितने लोग तरह-तरह के जवाब लेकर हाजिर हो जाते हैं। लोग अंग्रेजी शब्दों के अनुवाद से लेकर भौतिकी से जुड़े जटिल प्रश्न तक ट्विटर प्रयोक्ताओं से पूछ रहे हैं।
कीजिए सूचित : अगर आप कोई उद्यमी, कलाकार, हस्तकला विशेषज्ञ, चित्रकार, लेखक, सॉफ्टवेयर डेवलपर, वेब निर्माता या व्यवसायी हैं तो अपने नए उत्पाद, कृति या रचना के बाजार में आने की सूचना देने के लिए ट्विटर का प्रयोग कर सकते हैं।
कीजिए भर्तियां : किसी खास किस्म के कर्मचारी या सहायक की जरूरत है? एक संदेश इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर भी डाल कर देखिए, हो सकता है कि ऐसे बहुत से लोग उसे पढ़ें जो आपकी जरूरत पर खरे उतरें।
बनाइए मित्र : किसी खास पसंद वाले मित्रों की तलाश करनी हो या खास विचारधारा, मत या दिलचस्पी से जुड़े लोगों तक पहुंचना हो तो ट्विटर काफी कारगर माध्यम सिद्ध हो सकता है।
लीजिए राय : आपका किसी फिल्म को देखने का मन है लेकिन देखने से पहले आप लोगों की राय लेना चाहते हैं। तपाक से ट्वीट कर पूछ लीजिए कि लोगों को फिल्म कैसी लगी? जवाबों की झड़ी लग जाएगी और आप आसानी से फैसला कर सकेंगे कि थिएटर जाएं या रहने दें। अगर आप किसी मीडिया संस्थान में काम कर रहे हैं और किसी मुद्दे पर त्वरित सर्वे करना चाहते हैं तो ट्विटर काम का सिद्ध हो सकता है।
मांगिए मदद : कल्पना कीजिए, आपके किसी रिश्तेदार को ‘ओ पॉजीटिव’ रक्त की जरूरत है और आपकी जान-पहचान में कोई उपयुक्त रक्तदाता मौजूद नहीं है, तो ट्विटर को आजमाने में बुराई नहीं है।
आर्थिक पहलू : यदि आपके फॉलोवर्स की संख्या अच्छी- खासी है तो उसे बढ़ाते रहिए। आगे जाकर वह बहुमूल्य सिद्ध होने वाली है। सचिन तेंडुलकर, अमिताभ बच्चन, वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली, प्रियंका चोपड़ा जैसी हस्तियों के लाखों फॉलोवर्स हैं जिनकी संख्या बड़े से बड़े अखबारों के सकुर्लेशन से होड़ लेती है। मार्केटिंग के जमाने में इतनी बड़ी एकमुश्त रीडरशिप के महत्व और मूल्य का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। बड़े ब्रांड वाले लोग सफल ट्विटर उपयोक्ताओं तक पहुंचकर लंबी-चौड़ी डील करते हैं ताकि वे उनके उत्पादों पर यदा-कदा अच्छी टिप्पणियां करते रहें। ट्विटर और कू जैसे माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के साथ तालमेल बिठाना और उनसे लाभ उठाना मुश्किल नहीं है। थोड़ा रचनात्मक होने की जरूरत है, बस।
(लेखक सुप्रसिद्ध तकनीक विशेषज्ञ हैं)
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