उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से भारी बारिश के चलते पहाड़ों के दरकने की खबरे लगातार आ रही हैं। सड़कों पर मलबा आ जाने से तिब्बत सीमा की तरफ जाने वाले चार मुख्यमार्ग बन्द हैं। राज्य की 110 सड़कें बन्द हैं। कल चमोली जिले के रैंणी गांव में हुए भूस्खलन के बाद एसडीआरएफ को प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए बुलाया और वहां फंसे 243 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से भारी बारिश के चलते पहाड़ों के दरकने की खबरे लगातार आ रही हैं। सड़कों पर मलबा आ जाने से तिब्बत सीमा की तरफ जाने वाले चार मुख्यमार्ग बन्द हैं। राज्य की 110 सड़कें बन्द हैं। कल चमोली जिले के रैंणी गांव में हुए भूस्खलन के बाद एसडीआरएफ को प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए बुलाया और वहां फंसे 243 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
चमोली जिले में तिब्बत सीमा की तरफ जाने वाला माणा हाईवे भूस्खलन की वजह से बन्द पड़ा है। कल भारी बारिश के चलते जोशीमठ से बद्रीनाथ के बीच कई जगह मलबा आ गया। रैंणी गांव में हुए भूस्खलन के बाद चमोली जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ को मौके पर रवाना किया। जहां 5 घण्टे तक चले बचाव अभियान में 243 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। इनमें स्थानीय नागरिक और सेना के जवान भी शामिल थे।
खटीमा पिथौरागढ़ हाईवे पर चंपावत जिले में आधा किमी का पहाड़ ही दरक गया। सड़क के दोनों तरफ वाहन फंसे हुए हैं। सड़क खोलने के प्रयास जारी हैं। नैनीताल से ग्वालदम जाने वाला हाईवे भी वीरभटी के पास मलबा आने से बन्द है।
उत्तराखंड में इस बार सामान्य से अधिक वर्षा मानसून में हुई है। बारिश के बाद तापमान बढ़ जाने से पहाड़ दरकने की घटनाएं हो रही हैं। भूगर्भ विशेषज्ञ इन भूस्खलन की बढ़ती घटनाओं को ग्लोबल वार्मिंग से जोड़ कर देख रहे हैं।
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