पिछले कुछ दिनों यह समचार लगातार सुर्खियों में छाया रहा था कि कम्युनिस्ट चीन अपने विस्तारवादी मंसूबों पर चलते हुए छोटे अफ्रीकी देशों को कर्ज के जाल में फंसा रहा है। युगांडा के साथ जो हुआ उसने ड्रैगन की उस शैतानी मंशा की पुष्टि ही की है। चीन के कर्ज के जाल में बुरी तरह उलझे युंगाडा जैसे पिछड़े और गरीब देश को अब अपने इकलौते हवाईअड्डे से हाथ धोना पड़ा है। ताजा समाचारों के अनुसार, कर्ज न चुका पाने की शर्तों के लिए चीन ने यह हवाईअड्डा युगांड़ा से हथिया लिया है।
आइएएनएस की रिपोर्ट है कि चीन से कर्ज पर लिया पैसा वक्त पर वापस न करने के बाद अब युगांडा की सरकार को अपना इकलौता हवाई अड्डा चीन को देना पड़ा है। इस बाबत अफ्रीकी मीडिया टुडे में छपी रिपोर्ट बताती है कि युगांडा की सरकार ने चीन की कम्युनिस्ट सत्ता के साथ कर्ज का जो समझौता किया था उसे वह पूरा नहीं कर पाई। इस समझौते में शर्त थी कि कर्ज वापस न मिलने पर युगांडा अपना एकमात्र हवाई अड्डा का मालिक चीन को बना देगा।
रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कर्जदाताओं की शर्त के अंतर्गत युगांडा के एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को चीन के हवाले किया गया है। इतना ही नहीं, इसके अलावा देश की कुछ और महत्वपूर्ण संपदाएं भी चीन द्वारा कुर्क कर ली गई हैं। युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को चीन के हाथों में जाने से बचाने के लिए कई तरह के प्रयास किए लेकिन कर्जे की शर्तों के आगे सब विफल साबित हुए। इन कोशिशों के तहत राष्ट्रपति मुसेवेनी ने चीन के पक्षकारों से बातचीत के लिए एक प्रतिनिधिमंडल बीजिंग रवाना किया था। उन्हें उम्मीद थी कि कर्ज की शर्तों पर नए सिरे से बातचीत होगी और कोई रास्ता निकल आएगा, लेकिन ऐसा हो न सका।
युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को चीन के हाथों में जाने से बचाने के लिए कई तरह के प्रयास किए लेकिन कर्जे की शर्तों के आगे सब विफल साबित हुए। इन कोशिशों के तहत राष्ट्रपति मुसेवेनी ने चीन के पक्षकारों से बातचीत के लिए एक प्रतिनिधिमंडल बीजिंग रवाना किया था। उन्हें उम्मीद थी कि कर्ज की शर्तों पर नए सिरे से बातचीत होगी और कोई रास्ता निकल आएगा, लेकिन ऐसा हो न सका।
खबर है कि चीनी पक्षकारों ने समझौते की मूल शर्तों में कोई भी बदलाव करने की छूट नहीं दी। उल्लेखनीय है कि 2015 में युगांडा सरकार चीन से कर्जा लेने हेतु एक्जिम बैंक आफ चाइना के साथ एक समझौते किया था। इस समझौते में चीन की तरफ से जो शर्तें रखी गई थीं, उन्हीं के तहत चीन के कर्ज देने वालों ने युगांडा के महत्वपूर्ण हवाई अड्डे पर अपना हक जमा लिया है। इस संबंध में युगांडा के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण की तरफ से बयान जारी करके कहा गया है कि कर्ज की संधि में एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को चीन के हाथों सौंपने से जुड़ी कुछ शर्तें थीं। बहरहाल, चीन की इस चाल के बाद युगांडा में लोगों के बीच राष्ट्रपति मुसेवेनी के प्रति विरोध की भावना सुगबुगा रही है।
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