अमेरिका में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में वहां के कश्मीरी पंडित समुदाय ने एक कार्यक्रम करके पिछले दिनों घाटी में हुई हिन्दुओं की हत्याओं पर अपना आक्रोश जाहिर किया। उन्होंने इस्लामी आतंकवादियों द्वारा चिन्हित करके की गईं आम लोगों की हत्याओं की कड़ी निंदा की। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से मांग की कि घाटी में अल्पसंख्यकों यानी हिन्दुओं की पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। कश्मीरी पंडित समुदाय ने यहां के मशहूर 'नेशनल मॉल' में 22 अक्तूबर को दो दिन का एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों के अलावा अन्य प्रवासी भारतीय भी मौजूद थे। कार्यक्रम में भाग लेने वालों ने कहा कि चिन्हित करके की गईं ये हत्याएं घाटी में भयावह बनाए जा रहे परिदृश्य की ओर इशारा करती हैं। उनका कहना था कि घाटी में आतंकवाद को पाकिस्तान से खाद—पानी दिया जा रहा है। कश्मीर के युवाओं को पाकिस्तान उकसाने का काम करता है, उनके अलगाववाद का जहर पैदा करने की कोशिश करता है।
कश्मीरी पंडित समुदाय की ओर से बोलते हुए वाशिंगटन की एक कार्यकर्ता डॉ. शकुन मलिक का कहना था,‘पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी कश्मीर घाटी में जो हिन्दुओं की हत्याएं करते जा रहे हैं, उस पर सख्ती से लगाम लगाने की जरूरत है।’ उन्होंने मांग की कि भारत सरकार कश्मीर घाटी में रह रहे अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए। ऐसा न हो कि आने वाले वक्त में आतंकवादी उन्हें निशाना बना लें।
कार्यक्रम के बाद जारी प्रेस वक्तव्य में कश्मीरी पंडित समुदाय ने कहा कि श्रीनगर में दवा की दुकान चलाने वाले मक्खन लाल बिंदरू की हत्या ने 1990 की उन डरावनी यादों को उभार दिया है जब करीब पांच लाख कश्मीरियों को अपनी जान बचाने के लिए घाटी से पलायन करना पड़ा था। बिंदरू इलाके के एक प्रमुख कश्मीरी पंडित थे और श्रीनगर में पंडित समुदाय को एकजुट रखने में सक्रिय भूमिका निभाते थे। उनकी इस महीने के आरम्भ में आतंकवादियों ने श्रीनगर में हत्या कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि कश्मीरी पंडितों ने नेशनल मॉल में यह कार्यक्रम 22 अक्तूबर को इसीलिए आयोजित किया था क्योंकि 1947 में इसी दिन पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन गुलमर्ग’ के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर को मुस्लिम बहुल इलाका बताते हुए कबाइलियों के बाने में अपने फौजी भेजकर घुसपैठ कराई थी।
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