ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डोर्सी ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह भारतीय मूल के पराग अग्रवाल नए सीईओ होंगे। जैक डोर्सी के अचानक इस्तीफे के बाद स्टैनफोर्ड से पीएचडी करने वाले 37 वर्षीय कंप्यूटर वैज्ञानिक तुरंत माइक्रोब्लॉगिंग साइट के सीईओ का पदभार संभालेंगे।
डोर्सी ने इस्तीफे की घोषणा करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया, "मैंने ट्विटर छोड़ने का फैसला किया है, क्योंकि मैं मानता हूं कि अब कंपनी अपने संस्थाापकों से अलग होने के लिए तैयार है। बतौर ट्विटर सीईओ, पराग पर मेरा विश्वास बहुत गहरा है। इस कंपनी को बदलने में मदद करने वाले हर महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे पराग रहा है। वह जिज्ञासु, खोजी, तर्कसंगत, रचनात्मक, अपने काम में माहिर, जागरूक और विनम्र है।"
कौन हैं पराग अग्रवाल
आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग में स्नासतक की पढ़ाई करने के बाद पराग अमेरिका चले गए। वहां उन्होंने कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। उन्होंने कुछ समय के लिए माइक्रोसॉफ्ट, एटी एंड टी और याहू में काम किया। तीनों कंपनियों में उनका काम ज्यादातर शोधपरक था। वे 10 साल पहले 2011 में ट्विटर से जुड़े। शुरुआत में उन्होंने ट्विटर पर विज्ञापन से संबंधित उत्पादों पर काम किया, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भी काम करना शुरू कर दिया। ट्विटर में 2018 से वे मुख्य तकनीक अधिकारी के पद पर थे। पराग ने कहा कि ट्विटर का सीईओ बनना उनके लिए सम्माान की बात है।
दुनिया की बड़ी कंपनियों में शीर्ष पदों पर भारतीय
दुनिया की कई प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों का नेतृत्वर भारतीय मूल के विशेषज्ञ कर रहे हैं। पराग अग्रवाल की ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में पदोन्नति से इस सूची में एक और भारतीय का नाम जुड़ गया है। वे गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला और आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्ण की पसंद में शामिल हो गए हैं, जो सभी वैश्विक तकनीक के शीर्ष पर हैं। वैश्विक कंपनियों में शीर्ष पदों पर कई अन्य भारतीय भी हैं। माइक्रोसॉफ्ट द्वारा कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद राजीव सूरी को अप्रैल 2014 में नोकिया के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में पदोन्नत किया गया था। वहीं, शांतनु नारायण 2007 से एडोब के सीईओ के रूप में कार्य कर रहे हैं। सैनडिस्क की सह-स्थापना भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी संजय मेहरोत्रा ने की थी। निवेश फर्म सॉफ्टबैंक के पूर्व सीईओ निकेश अरोड़ा अब सुरक्षा फर्म पालो ऑल्टो नेटवर्क्स के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में प्रमुख हैं।
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