केंद्र सरकार के आदेश के बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। इसमें भारत सरकार को बिना देरी किए सूचना प्रौद्योगिकी कानून-2021 के नियम 4 को लागू कर इसके तहत ट्विटर इंक और ट्विटर इंडिया को निवासी शिकायत अधिकारी नियुक्त करने के लिए जरूरी निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता अमित आचार्य का कहना है कि केंद सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए 21 फरवरी को नए दिशानिर्देश जारी किए थे। सोशल मीडिया कंपनियों को 25 मई तक इन्हें लागू करना था। लेकिन तीन माह की मियाद खत्म होने के बावजूद ट्विटर सहित कई सोशल मीडिया कंपनियों ने निर्देशानुसार नए नियमों का पालन नहीं किया। याची का कहना है कि एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंच होने के नाते माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को नियमानुसार अपने कार्यकारी दायित्वों का पालन करना चाहिए। आईटी नियम के नियम 4 (सी) के अनुसार, प्रत्येक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ को एक निवासी शिकायत अधिकारी (एसएसएमआई का कर्मचारी भारत का निवासी होना चाहिए) नियुक्त करना होता है, जो खंड (बी) अधीन होगा और नियम 3 के उप-नियम (2) में निर्दिष्ट कार्यों के लिए जिम्मेदार होगा।
क्या कहा था ट्विटर ने?
इससे पूर्व बीते नए आईटी कानून को लेकर 27 मई को ट्विटर ने बयान जारी कर कहा था कि वह भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेगी। साथ ही, उसने भारत में अपने कर्मचारियों और उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी पर संभावित खतरे को लेकर चिंता भी जाहिर की थी। ट्विटर ने कहा था कि भारतीयों के लिए ट्विटर प्रतिबद्ध है। हमारी सेवा सार्वजनिक बातचीत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है और महामारी के दौरान लोगों का समर्थन किया है। हम अपनी सेवा जारी रखने के लिए भारत में लागू कानून का पालन करने की कोशिश करेंगे। हम भारत सरकार से बातचीत जारी रखेंगे। हम मानते हैं कि सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है। लोगों के हितों की रक्षा करना चयनित अधिकारियों, उद्योग और नागरिक समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
-web desk
टिप्पणियाँ